Winter Session का पहला दिन गरमा गया—SIR पर विपक्ष का वॉकआउट!

अजमल शाह
अजमल शाह

संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन विपक्ष के विरोध से गरम हो गया। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision—SIR) और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया।

लोकसभा की तरह राज्यसभा की कार्यवाही भी लगातार हंगामे के कारण कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। अब सदन 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे फिर से बैठेगा।

नए सभापति CP Radhakrishnan को प्रधानमंत्री और नेताओं ने दी बधाई

राज्यसभा में प्रधानमंत्री, सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष सहित कई दलों के वरिष्ठ नेताओं ने नए सभापति सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी और उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएँ दीं।

कई नेताओं ने सदन में सभी पक्षों को समान अवसर देने की अपील भी की।

“संविधान के प्रति निष्ठावान रहें”—सभापति का पहला संबोधन

अपने पहले औपचारिक संबोधन में CP राधाकृष्णन ने कहा, सदन के सदस्य संविधान के प्रति निष्ठावान रहें। संसदीय आचरण की ‘लक्ष्मण रेखा’ का सम्मान करें। और बहस को मर्यादापूर्ण बनाए रखें।

उनका संदेश यह दर्शाता है कि मौजूदा राजनीतिक तनाव के बीच वे सदन को अनुशासन और संवाद की ओर ले जाना चाहते हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया—SIR पर चर्चा की मांग ‘खारिज नहीं’

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में स्पष्ट किया कि विपक्ष की SIR पर चर्चा की मांग को “नज़रअंदाज़ नहीं” किया गया है। सरकार इस मांग पर गंभीरता से विचार कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहती है कि सदन सुचारू रूप से चले और सभी मुद्दों पर संवाद हो।

विपक्ष SIR पर क्यों अड़ा है?

विपक्ष का कहना है कि मतदाता सूची में गड़बड़ियों, नाम हटाने, और SIR के समय पर स्पष्ट चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया को सीधे प्रभावित करता है।

सरकार की ओर से चर्चा पर सहमति की संकेत मिलने के बावजूद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर अपने विरोध को तेज किया।

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